मिशन ‘सागर-II’ के दौरान, भारतीय नौसेना का पोत ऐरावत केन्या के पोर्ट ऑफ मोम्बासा में पहुंचा गया। प्राकृतिक आपदाओं और COVID-19 महामारी का मुकाबला करने के लिए भारत सरकार मित्रवत देशों को सहायता प्रदान कर रही है।
मुख्य बिंदु
मिशन सागर-II को प्रधानमंत्री के ‘SAGAR-सिक्यूरिटी एंडग्रोथ फॉर ऑल इन द रीजन’ के दृष्टिकोण के साथ जोड़ा गया है। यह मिशन भारत द्वारा दक्षिण सूडान के साथ संबंधों के महत्व को भी रेखांकित करता है।
रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि अफ्रीका में भारत और देशों के बीच मित्रता और भाईचारे के संबंधों के मजबूत बंधन कई शताब्दियों से मौजूद हैं और वे निरंतर मजबूत हुए हैं। भारत हमेशा अफ्रीका में देशों और लोगों के साथ एकजुटता में खड़ा रहा है और भारत ने विकास, क्षमता निर्माण और मानवतावादी सहायता कार्यक्रमों में भागीदारी की है।
मिशन सागर
SAGAR का पूर्ण स्वरुप Security and Growth for All in the Region है। इसे 2015 में हिंद महासागर क्षेत्र की रणनीतिक दृष्टि के तहत लॉन्च किया गया था। SAGAR के तहत, भारत का लक्ष्य अपने समुद्री पड़ोसियों के साथ आर्थिक और सुरक्षा सहयोग को मजबूत करना है। साथ ही, भारत हिंद महासागर क्षेत्र में राष्ट्रीय हितों की रक्षा करेगा।
मिशन सागर को भारत की अन्य नीतियों जैसे प्रोजेक्ट सागरमाला, प्रोजेक्ट मौसम, एक्ट ईस्ट पॉलिसी के साथ संयोजन के रूप में देखा जाता है।
प्रोजेक्ट सागरमाला
सागरमाला का लक्ष्य भारत के तटों के आसपास बंदरगाहों की एक श्रृंखला विकसित करना है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य देश की 7,500 किलोमीटर लंबी तटरेखा में बंदरगाह के नेतृत्व में विकास को बढ़ावा देना है। अंतर्देशीय जलमार्ग, रेल, सड़क और तटीय सेवाओं के विस्तार के माध्यम से विकास किया जायेगा। शिपिंग मंत्रालय इस योजना को लागू करने वाली नोडल एजेंसी है